Tuesday 4 September 2018

महंगाई डायन खाए जात है

2014 में पेट्रोल और डीजल पर चिल्लाने वाले आज चुप हैं।

कभी मिर्ज़ा गालिब जी ने इन्ही पे लिखा था,

"ये बंद कराने आये थे तवायफों के कोठे, मगर सिक्कों की खनक देखकर खुद ही मुजरा कर बैठे"।